Welcome to Women’s Day Poems in Hindi on International Women’s Day along with some details about International Women’s Day.
We will know how it started and its importance.
Women’s Day Poems in Hindi will highlight the importance of women in our life and their contributions to the society.
International Women’s Day is giving due recognition and importance which is duly deserved by the women folk.
A society cannot be a progressive and rich society without the contribution, care and concern by the women folk.
We all should be indebted to our mother, sisters and other women relatives who had made our life comfortable and worth living….
पेश है…. अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कुछ हिन्दी कविताएं।
कविता पढ़ने से पहले हम अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कुछ जानकारी ले लेते हैं ।
हर साल अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाता है। दुनिया भर में महिलाओं के सराहनीय योगदान के लिए सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट किया जाता है। और इस दिन महिलाओं के आर्थिक, राजनैतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष में उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
यह दिवस सर्वप्रथम आमेरिका में 28 फ़रवरी 1909 में मनाया गया।
फिर इस दिवस को फ़रवरी के अंतिम रविवार को पालन करने के लिए मंजूरी दी गई।
बाद में 1919 में socialist international के Copenhagen के सम्मेलन में महिला दिवस को International मानक दिया गया।
शुरुआत :
महिला दिवस की शुरुआत महिलाओं को वोट देने के अधिकार के लिए हुई थी, कारण बहुत सारे देश ऐसे थे जहां पे महिलाओ को वोट देने का अधिकार नहीं था।
8 मार्च को क्यों मानते हैं?
International Women’s Day का आइडिया एक महिला ‘क्लारा जेटकिन’ ने दिया था। यह महिला मार्क्सवादी thinker और activist थी लेकिन महिलाओं के अधिकारों के सवाल के प्रति हमेशा सक्रिय रहती थी। जब ‘क्लारा जेटकिन’ ने इस दिन की सलाह दी थी, तब कोई तारीख निश्चित नहीं थी। परंतु 1917 में महिलाओं ने अपने हक की मांग के लिए हड़ताल किया तो सम्राट निकोलस पद छोडने के लिए मजबूर हो गए। यह घटना 23 फ़रवरी की थी, परंतु ग्रेगोरियन कलेंडर के हिसाब से यह दिन 8 मार्च था। तब से 8 मार्च को International Women’s Day मनाया जाने लगा।
मान्यता/recognition कब मिली?
International Women’s Day को 1975 में मान्यता प्राप्त हुई। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 8 मार्च को अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मानाना शुरू किया। अब काफी देश इसे मनाने हैं।
अब हम Wikipedia की मदद से और भी जानकारी लेते हैं।
अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस | |
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, 8 मार्च 1914 को दर्शाता हुआ एक जर्मन पोस्टर; हिन्दी अनुवाद: “हम महिलाओं को मताधिकार दो। महिला दिवस, 8 मार्च 1914। अब तक, भेदभाव और प्रतिक्रियावादी नज़रिए ने उन महिलाओं को पूर्ण नागरिक अधिकार से वंचित रखा है, जिन्होंने श्रमिकों, माताओं और नागरिकों की भूमिका पूरी निष्ठा से अपने कर्त्तव्य का पालन किया है एवं जिन्हें नगर पालिका के साथ-साथ राज्य के प्रति भी करों का भुगतान करना होता है। इस प्राकृतिक मानवाधिकार के लिए हर औरत को दृढ़ एवं अटूट इरादे के साथ लड़ना चाहिए। इस लड़ाई में किसी भी प्रकार के ठहराव या विश्राम करने की अनुमति नहीं है। सभी महिलाएँ और लडकियाँ आएं, रविवार, 8 मार्च 1914 को, शाम 3 बजे, 9वीं महिला सभा में शामिल हों।”[1] |
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अनुयायी | दुनिया भर में |
प्रकार | अंतर्राष्ट्रीय |
उद्देश्य | नागरिक जागरूकता दिवस महिला एवं लड़कियों का दिवस लिंगवाद-विरोध दिवस |
तिथि | 8 मार्च |
आवृत्ति | वार्षिक |
समान पर्व | अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस |
अब कविताओं का आनंद लें…..
(महिला दिवस पर हिन्दी कविताएं )
Poem 1 :
नारी की माया अपारमपार है
ममता, दृढ़ता तथा और भी बहुत कुछ है
जरूरत पड़ने पर बलिदान भी देती है
कमजोर कभी न सोचो….
जरूरत पड़ने पर सबकुछ छीन सकती है।
In Hinglish:
Nari kee maya aparampar hai
Mamta, dridhta tatha aur bhi bahut kuchh hai
Jarurat padne par balidan bhi deti hai
Kamjor kabhi na socho…..
Jarurat padne par sabkuchh chin sakti hai.
Poem 2 :
नारी को हररोज याद करें तुम और हम सब
खास तरीके से याद करें अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस पर
नारी के चलते उत्पत्ति, उन्नति और शांति का मजा लेते हैं हम सब
नारी का हो इज्जत और कीर्ति का गुणगान हो विश्व भर ।
In Hinglish:
Nari ko harroj yad Karen tum aur ham sab
Khas tarike se yad Karen Antarrashtriya Mahila Divas par
Nari ke chalte utpatti, unnati aur shanti ka maja lete hain ham sab
Nari ka ho ijjat aur kirti ka gungan ho vishw bhar.
Poem 3 :
नारी दिवस न मनाए केवल एकदिन
अकसर खाना उसकी ही हाथों का खाते हैं हरदिन
घर में नारी ना हो तो, घर लगता है सूना-सूना
घर की इज्जत-आबरू और जान है हमारी माँ और बहना ।
In Hinglish:
Nari Divas na manae keval ekdin
Aksar khana uski hi hathon ka khate hain hardin
Ghar mein nari naa ho toh, ghar lagta hai suna-suna
Ghar ki ijjat-aabru aur jaan hai hamari maa aur bahna.
Poem 4 :
नारी को कभी भी अपमान ना करो तुम
वरना-इज्जत और शोहरत हो जाएगा गुम ।
In Hinglish:
Nari ko kabhi bhi apman naa karo tum
Barna-ijjat aur shohrat ho jaega gum.
Poem 5 :
त्याग ही त्याग करे नारी
सबकी भलाई में जिसकी हो हिस्सेदारी
कृपया हम सबका सही ध्यान रहे नारी पर हरवक्त
नारी से बढ़कर कोई भी नहीं है समाज और परिवार भक्त।
In Hinglish:
Tyag hi tyag kare nari
Sabki bhalai mein jiski ho hissedari
Kripaya ham sabka sahi dhyan rahe nari par harvakt
Nari se badhkar koi bhi nahin hai samaj aur parivar bhakt.
Poem 6 :
नारी के त्याग में छुपा है परिवार का सपना
कभी भी उससे गलत व्यवहार ना करना।
In Hinglish:
Nari ke tyag mein chhupa hai parivar ka sapna
Kabhi bhi use galat vyavhar naa karna.
Poem 7 :
आजकल – नारी को कमजोर ना सोचो
अगल-बगल में – माँ-बहन और लड़कियां क्या करती हैं देखो
लड़कियां पढ़ाई के साथ साथ घर भी संभाल लेती हैं
लड़कों को क्या ज्यादा लाड़-प्यार बरबाद कर देता है?
In Hinglish:
Aajkal – nari ko kamjor naa socho
Agal-bagal mein – maa-bahan aur ladkiyan kya karti hain dekho
Ladkiyan padhai ke sath sath ghar bhi sambhal leti hain
Ladkon ko kya jyada lad-pyar barbad kar deta hai?
CONCLUSION/निष्कर्ष :
निष्कर्ष में हम यह कह सकते हैं कि आज की नारी नहीं हैं बेचारी। आजकल महिलाओं और पुरुषों को एक समान माना जाता है। पहले महिलाओं को बहुत हेयज्ञान किया जाता था।
अब प्राय हर क्षेत्र में महिला पुरुष के समान योगदान करती हैं। कंधे से कंधे मिलाकर चलती हैं। हमारे समाज में पुरुषों और महिलाओं का महत्व बहुत है। दोनों की तालमेल से ही हमारा समाज सुधरेगा।
हमे महिलाओं को कभी भी कमजोर नहीं सोचना चाहिए। उनको उत्साहित करते हुए सबकुछ सुविधा प्रदान करना चाहिए। हमारे महिलाओं की उन्नति से ही देश की उन्नति है….
Also please read:
WORLD CANCER DAY AND CANCER POEM
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