भगवान महावीर के हिन्दी कोट्स

भगवान महावीर को हम बर्धमान के नाम से भी जानते हैं  । वे जैन धर्म के 24 वीं तीर्थंकर थे।

नाम – Lord Mahavir/भगवान महावीर

जन्म – 600 B.C, वैशाली

मृत्यु – 528 B.C, पावापुरी

हिंसा, पशुबलि, जात-पात का भेद-भाव जिस युग में बढ़ गया, उसी युग में भगवान महावीर का जन्म हुआ । उन्होंने दुनिया को सत्य, अहिंसा का पाठ पढ़ाया । तीर्थंकर महावीर स्वामी ने अहिंसा को सबसे उच्चतम नैतिक गुण बताया ।

उन्होंने दुनिया को जैन धर्म के पंचशील सिद्धान्त बताए, जो है – अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, अचौर्थ (अस्तेय) और ब्रह्मचर्य ।  सभी जैन मुनि, आर्यिका, श्राबक, श्राबिका को इन पंचशील गुणों का पालन करना अनिवार्य है ।  महावीर ने अपने उपदेशों और प्रवचनों के माध्यम से सही राह दिखाई और मार्ग दर्शन कराया ।

जैन समाज द्वारा महावीर स्वामी के जन्म दिवस को महावीर जयंती तथा उनके मोक्ष दिवस को दीपावली के रूप मे धूमधाम से मनाया जाता है ।

English & Hindi Quotations of Lord Mahavira :

01. Silence and self-control is non–violence.

01. शांति एवं आत्मसंयम ही अहिंसा है ।

02. Have compassion towards all living beings. Hatred leads destruction.

02. दिखाओ दया हर जीवजंतु के प्रति, घृणा ले जाती है विनाश की ओर ।

03. Respect for all living beings is non-violence.

03. सन्मान – श्रद्धा हर जीवजंतु के प्रति ही अहिंसा है ।

04. It is better to win over self than to win over a million enemies.

04. खुद के ऊपर विजय पाना बेहतर है विजय पाना लाखों शत्रुओं पर से ।

05. Kill not, cause no pain. Non-violence is the greatest religion.

05. जीव हत्या न करें, वजह/कारण न बने दर्द का । अहिंसा ही सबसे महान धर्म है ।

06. Do not injure, abuse, oppress, enslave, insult, torment, torture, or kill any creature or living being.

06. कोई भी प्राणी अथवा जीवजंतु को आहत न दें, बुरा बर्ताव न करें, सताएँ मत, दास न बनाएँ, अपमान न करें, दुख न दें, यंत्रणा मत दीजिए किम्बा हत्या न करें ।

07. Non-violence is the highest religion.

07. अहिंसा सबसे बड़ा धर्म है ।

08. The soul comes alone and goes alone, no one companies it and no one becomes its mate.

08. आत्मा अकेले आती है, अकेले चले जाती है, कोई भी उसका साथ देता नहीं एवं कोई भी नहीं बनता उसका मित्र ।

09. There is no enemy out of your soul. The real enemies live inside yourself, they are anger, proud, greed, attachments and hate.

09. आपकी आत्मा से परे कोई शत्रु नहीं है । असली शत्रु आपके अंदर ही रहते हैं, वे हैं, गुस्सा, घमंड, लोभ, आसक्ति/बंधन एवं घृणा ।

10. Every soul is independent. None depends on another.

10. प्रत्येक आत्मा स्वतंत्र है । कोई नहीं निर्भर करता अन्य किसी पर।

11. There is no separate existence of God. Everybody can attain God-hood by making supreme efforts in the right direction.

11. भगवान का अलग से कोई अस्तित्व नहीं है । हर कोई सही दिशा में सर्वोच्च प्रयास कर के देवत्व प्राप्त कर सकता है ।

12. Every soul is in itself absolutely omniscient and blissful. The bliss does not come from outside.

12. प्रत्येक आत्मा अपने आप में पूर्ण रूप से सर्वज्ञ और आनंदमय है । परमानंद आता नहीं है बाहर से ।

13. All human beings are miserable due to their own faults, and they themselves can be happy by correcting these faults.

13. सभी मनुष्य दयनीय हैं खुद की गलतियों की वजह से, और वे लोग अपने आपको सुखी करा सकते हें सुधार के इन गलतियों को ।

14. A man is seated on top of a tree in the midst of a burning forest. He sees all living being perish. But he doesn’t realize that the same fate is soon to overtake him also.  That man is fool.

14. एक आदमी जलते हुये जंगल के बीच एक पेड़ की ऊपरी भाग में बैठा है । वह देखता है सब जीवित प्राणी तवाह/खत्म हो रहे हैं । लेकिन वह यह अनुभव नहीं कर पाता की वही दुर्भाग्य उसका भी होने वाला है । वह आदमी मूर्ख है ।

15. Fight with yourself, why fight with external foes? He, who conquers himself through himself, will obtain happiness.

15. स्वयं से लड़ो, क्यों लड़ना है बाहरी दुश्मनों से? वह जो विजयप्राप्त कर लेता है खुद पे खुद के द्वारा, उसे मिलेगा आनंद ।

16. In happiness and suffering, in joy and grief, we should regard all creatures as we regard our own self.

16. सुख में और दुख में, आनंद में और व्यथा/शोक में, हमे सभी प्राणीओं का वैसा ख्याल है रखना जैसे खुदका ध्यान रखते हैं ।

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