20 Quotations of Gautam Buddha and one story

गौतम बुद्ध भारत के महान दार्शनिक, वैज्ञानिक, धर्मगुरु, महान समाज सुधारक और बौद्ध धर्म के संस्थापक थे ।

नाम – सिद्धार्थ गौतम बुद्ध

जन्म – 563 ईसा पूर्व लुम्बिनी ग्राम, नेपाल

मृत्यु – 483 ईसा पूर्व, कुशी नगर, भारत

विवाह – राजकुमारी यशोधरा

पुत्र – राहुल

पिता – शुद्धोदन, राजा

माता – मायादेवी, महारानी

गौतम बुद्ध संसार को जन्म, मरण और दुखों से मुक्ति दिलाने के मार्ग की तलाश व सत्य दिव्यज्ञान की खोज में सबकुछ त्याग कर रात को राजमहल से जंगल की ओर चले गए थे । सालों साल की कठोर तपस्या और साधना के बाद बोध गया (बिहार) में बोधि वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान प्राप्ति हुई और वे सिद्धार्थ गौतम से गौतम बुद्ध बन गए ।

चलिये उनके बिस (20) अनमोल सुविचार तथा उनके जीवन पर आधारित एक कहानी पढ़ते हैं ।

English & Hindi Quotations of Lord Gautam Buddha :

गौतम बुद्ध के इंग्लिश एवं हिन्दी सुविचार :

01. Doubt everything. Find your own light.

01. सन्देह करो हर चीज़ को । ढूंढो स्वयं का प्रकाश ।

02. Happiness is not having a lot. Happiness is giving a lot.

02. खुशी का मतलब बहुत कुछ होना नहीं है । खुशी का मतलब बहुत कुछ देना होता है ।

03. The darkest night is ignorance.

03. सबसे अंधेरी रात है अज्ञानता ।

04. Peace comes from within. Don’t seek it without.

04. शांति अंदर से आती है । इसे ढूंढो मत बाहर में ।

05. If you truly loved yourself, you could never hurt another.

05. अगर आप सचमुच खुद से प्रेम करते हैं, तो आप कभी भी ठेस नहीं पहुंचा सकते अन्य किसी को ।

06. I never see what has been done; I only see what remains to be done.

06. मैं कभी भी नहीं देखता क्या किया हुआ है; मैं केवल देखता हूँ क्या किया जाना बाकी है।

07. Hatred does not cease by hatred, but only by love; this is the eternal rule.

07. घृणा का अंत घृणा से नहीं होती, होती है प्रेम से; यह है अनंत/शाश्वत नियम ।

08. Three things cannot be long hidden : the Sun, the Moon and the Truth.

08. तीन चीजों को ज्यादा देर तक छुपाया नहीं जा सकता है : सूर्य, चंद्रमा और सत्य ।

09. Work at your own salvation. Do not depend on others.

09. योजना बनाइये अपने खुद के मोक्ष के लिए । निर्भर न करें दूसरों पर ।

10. He who loves 50 people has 50 woes; he who loves no one has no woes.

10. वह जो पचास लोगों से प्रेम करता है उसके पचास दु:ख हैं, वह जो किसी से प्रेम नहीं करता उसको कुछ भी दु:ख नहीं है ।

11. Holding on to anger is like grasping a hot coal with the intent of throwing it at someone else : you are the one who gets burned.

11. क्रोध को पाले रखना गरम कोयले को किसी और पर फेंकने की नियत से पकड़े रहने के समान है, इस में आप ही जलते हैं ।

12. Do not dwell in the past, do not dream of the future, concentrate the mind on the present moment.

12. ध्यान केन्द्रित मत कीजिये अतीत पे, सपने मत देखिये भविष्य का, ध्यान दिमाग का हो वर्तमान की क्षण में ।

13. Do not overrate what you have received, nor envy others. He who envies others does not obtain peace of mind.

13. मत कीजिये अधिक मूल्यांकन जो आप को मिला है, और न ही ईर्षा कीजिये औरों पर । वह जिसने ईर्षा किया दूसरों पर उसे मिलता नहीं मान की शांति ।

14. There has to be evil so that good can prove its purity above it.

14. बुराई होनी ही चाहिए ताकि भलाई बुराई के ऊपर अपनी पवित्रता साबित कर सके ।

15. The secret of health for both mind and body is not to mourn for the past, nor to worry about the future, but to live the present moment wisely and earnestly.

15. रहस्य दोनों दिमाग और शरीर के लिए है – अतीत के लिए शोक मत मनाइए, न तो भविष्य के लिए आशंका जताइए । किन्तु जीना है वर्तमान क्षण में बुद्धिमानी और ईमानदारी से ।

16. You only lose what you cling to.

16. आप केवल खोते हो वही जिसपे आप का दृढ पकड़ है ।

17. It is better to travel well than arrive.

17. गंतव्य स्थल पे पहुँचने से बेहतर है अच्छे से यात्रा करना ।

18. What we think, we become.

18. जो हम सोचते, हम वही बनते ।

19. True love is born from understanding.

19. सच्चा प्रेम उत्पन्न होता है समझ से ।

20. Purity or impurity depends on oneself, no one can purify another.

20. पवित्रता या अपवित्रता अपने आप पर निर्भर करती है, कोई भी दुसरे को पवित्र नहीं कर सकता ।

कहानी : कुछ कल हंस (the wild geese)

एकदिन जब राजकुमार सिद्धार्थ राजउद्यान से होते हुये नदी की ओर जा रहे थे, एक जंगली कुछ कल हंस की झुंड उनके सर के ऊपर आकाश मे सुंदर ढंग से उड़ते हुये दिखाई दिये।  देवदत्त, उनका चचेरा भाई जब यह दृश्य देखा तो एक तीर मारा उस झुंड के ऊपर ।  अचानक एक कुछ कल हंस जख्मी हो कर राजकुमार सिद्धार्थ के पैर के सामने आ गिरा । उन्हे कुछ कल हंस का यह दशा देख कर काफी दया और सहानुभूति आया । वे कुछ कल हंस को जमीन से उठाए, तीर उसके शरीर से सावधानी से निकाले ।  घाव का ध्यान देते हुये उसे साथ ले चले ।

राजकुमार सिद्धार्थ जब प्रस्थान कर ही रहे थे, तब देवदत्त का एक दूत/संदेश वाहक आ पहुंचा और उस कुछ कल हंस का दावा करते हुये उस पर अधिकारपूर्वक मांगा ।  किन्तु राजकुमार सिद्धार्थ देने से इंकार कर दिये, और बोले – यह कुछ कल हंस उसी का है जिसने उसका जान बचाया न की उस का जो इसका जान लेना चाहा ।

साथियों , यह कहानी तथा सुविचार कैसा लगा, कृपया बताएं…..

भूल-चूक है तो सुधार हेतु परामर्श दें ।

 

 

रतिकान्त सिंह

Ratikanta Singh