(1)
हर साल श्रावण माह की पूर्णिमा को
मनाया जाता है रक्षा बंधन का त्यौहार
यह भाई-बहन का प्यार और मंगल कामना का त्यौहार
बहन राखी बाँध के करती है जन्म-जन्मांतर के लिए रक्षा का इजहार । 

(2)
बहनें तो बहनें होती हैं
प्यारी, खूब सूरत और दयालु होती हैं
भाईसाब शरारती से बाज ना आए तो
घर में बहनें ही उन्हे बचाती हैं । 

(3)
भाई केवल भाई नहीं
घर का ताकत, इज्जत और भविष्य होता है
बहन पराई धन, पर है घरकी मर्यादा और घरका शान
बहन के बिना घर लगे सूना सूना । 

(4)
कोई तो है मंगल कामना प्यार से करती है
दुख-दर्द , हँसी-खुशी में शामिल होती है
कलाई में धागा बाँधके रक्षा करवाने को याद दिलाती है
भाई की सुख-शांति और उन्नति की कामना करती है । 

(5)
बहना, तू सदा रहेगी छोटी सी, प्यारी सी गुड़िया
तेरे बिना घर लगे सूना सूना
तू घर की चहक है, तू घर की महक है 
बहन का प्यार संसार में काफी अलग है । 

(6)
कभी लड़ती तो कभी झगड़ती है
पलभर में मुस्कुरा भी देती है
बहनें कमाल की होती हैं
क्या दिल है, क्या दिमाग है !
बिन कहे सब समझ लेती है । 

(7)
आया श्रावण का महीना
लाया राखी का त्यौहार
भाई-बहन का प्यार हो प्रगाढ़
बहना केवल चाहे भाई का प्यार और दुलार
कभी ना चाहे कोई महंगा उपहार । 

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हिन्दी कवि – रतिकान्त सिंह
Hindi Poet – Ratikanta Singh