(5 राज्यों के Election/निर्वाचन पे आधारित एक कविता)
Yeh kahan aa gaye ham….
(5 rajyon ke Election/Nirvachan pe aadharit ek kavita)

 

 

Election आया और Election चला गया
Voting करना, नेता चुनना हमारा right है
माहौल से पता चला, एक दूसरे से करते वो fight
नीचा दिखाना, गाली देना लगा उनका हो गया है right .
Election रालियाँ देख के और सुन के
चंद दिनों में ही दिमाग घूम गया है
लगा… ये कहाँ आ गए हम
किस जमाने में रख रहे हैं कदम ….

Election आया और Election चला गया
Election में छाए रहे मस्जिद और मंदिर
अच्छी बात – ये सब है हमारे आस्था के धरोहर
क्या ये भी नेताओं को जीताने में काफी मदद करेंगे
नेता लोग – शायद मेरा भारत महान को महानतम बना देंगे
आशीर्वाद मिले – चमत्कार हो जाए मेरे देश में कहीं से भी
Election रालियाँ देख के और सुन के
चंद दिनों में ही दिमाग घूम गया है
लगा… ये कहाँ आ गए हम
किस जमाने में रख रहे है कदम

Election आया और Election चला गया
युवा, किसान, नौकरी और भ्रष्टाचार
इन सबके बारे में किए हें चर्चे बार बार
उन्नति, विशवास सुनने सुनाने की बात तो है नहीं
महसूस लोगों को करवाने की बात जरूर है
काफी कुछ Tax हम देते हैं
पर विकास पटरी पर आता क्यों नहीं
क्या ग्रहण लग गया है हमारे देश को ?
Election रालियाँ देख के और सुन के
चंद दिनों में ही दिमाग घूम गया है
लगा… ये कहाँ आ गए हम
किस जमाने में रख रहे है कदम ….. 

 

साथियों, 

कैसा लगा, प्रतिक्रिया जाहिर कीजिये । 

धन्यवाद, 

रतिकान्त सिंह
Ratikanta Singh.