साथियों,
आत्म-सम्मान होना बहुत मायने रखता है
आत्म-सम्मान ना हो तो ज़िंदगी बेकार महसूस होता है
उच्च आत्म-सम्मान सफल बनाता है
कम या निम्न आत्म-सम्मान वाले घबराते हैं, डरते हैं
आत्म- विश्वास डगमगाता रहता है । 

अगर कोई बचपन से ही असुरक्षित महसूस करता आया है
और खुद को कमजोर सोचता आ रहा है
इसका मतलब यह नहीं कि वो अपने सोच विचार में परिवर्तन या रूपांतर ला नहीं सकता । 

साथियों,
कान खोलके सुन लो….
आत्म-सम्मान एक मानसिक स्थिति है
जब हम ज़िंदगी की चुनौतियों के सामने प्रभावशाली प्रदर्शन कर पाते
जब हम खुश हो के खुद को सफलता के लायक सोचते
हमे मिलता मानसिक ताकत और कुछ कर दिखाने का हिम्मत
ऐसा सोच-विचार पाने के लिए खुद पे करना पड़ता है विश्वास
और करना पड़ता है काफी मेहनत । 

कुछ घटनाएँ आपको कमजोर बना चुका होगा
आपको फिर से लड़ना होगा, उठना होगा और बढ़ना होगा । 

साथियों,
फिर से कान खोलके सुन लो…
सोचो – आप कौन हो ?
याद करो – आपका सही पहचान किसने चुरा लिया है ?
खुद से पुछो…
आप अंदर से किस किस्म के आदमी हो ?
आप अकेले, एकांत में क्या हो जब कोई आपको ध्यान नहीं देता ?

आप क्या हो जब सबकुछ ठीक-ठाक हो ?
इस वक्त आप अपने बारे में क्या सोचते हो ? 

साथियों,
पहचानो अपना ताकत
याद रखो हर किसी के पास ताकत होती है
अपना ताकत को सही इस्तेमाल कर लाभ उठाओ
अपना लक्ष्य प्राप्त करो
अपनी अंदर आत्म-चेतना या आत्म जागरूकता लाओ । 

हाँ, दोस्तों, भूलो मत…
आपको अपनी कमजोरियों को जानना होगा
हम सबके vulnerabilities/नाजुकपन/अति संवेदनशीलता को भी जानना होगा
इन सबको पहचानना होगा, मान लेना होगा
इसके बाद, आत्म-सम्मान बढ़ाने का राह चुनना होगा
जरूरत पड़े तो जानकार लोगों से सलाह लेना होगा
खुद पर विशवास और खुद का साहस बढ़ाना होगा
खुद के अंदर का महत्व और किमत को आंकना होगा
सकारात्मक बदलाव लाना ही होगा
हिम्मत मेहनत के साथ ज़िंदगी के चुनौतियों का सामना करना ही होगा
आत्म-सम्मान, self-esteem को अपने अंदर cultivate करना होगा । 

हम सबके आत्म-सम्मान को विकसित करना ही पड़ेगा
अपने कमजोरियों को कम करते हुए अपने ताकतों को और भी ताकतवर बनाना पड़ेगा । 

साथियों…
जब खुद के ऊपर खुद का भरोसा बढ़ जाएगा
खुदा की कसम…
आपको कोई रोक नहीं सकेगा
और आप का self-esteem, आत्म-सम्मान आपको कामयाबी के राह पर ले चलेगा… 

 

…रतिकान्त सिंह