जो मुझे दिखाई देती और सुनाई देती…(5)

(1)
(हवाई बातें )
हम किस दिशा की ओर जा रहे हैं
एक-दूसरे को देख नहीं पाते, सह नहीं पाते
क्या होनेवाला है हम सबका ?
एकता, अखंडता और भाईचारे का
केवल क्या हवाई बातें ही करते रहेंगे ? 

(2)
(चर्चा)
भारत में विकास और न्याय का बात हो रहा है
घूम-फिर कर देशभक्त का सवाल भी आ जाता है
लोकतन्त्र पर हमला, लोकतन्त्र पर खतरा सुनाई देता
पर लोगों के आत्महत्या को रोकने के लिए  चर्चा क्यों नहीं होता ? 

(3)
(गुणगान )
लोगों का गुणगान करना चाहिए
जिसका जो प्राप्य है उसे वो मिलना चाहिए
लेकिन हररोज एक ही किस्म का खुराक मिले तो
धेत-तेरिका! TV खोलने को मन नहीं करता । 

(4)
(खुश)
हदें पार कर लेते हो
एक आदमी को खुश करने के लिए
आमजनता की आँख, कान, नाक और दिमाग खुला है
ये भी क्यों तुम भूल जाते हो ?

(5)
(बदनाम)
जो हे नामवाला
वही तो बदनाम है
जो हे कामवाला
वो बदनाम क्यों हो भला?

…रतिकान्त सिंह