दमी (आप और मैं) बहुत कुछ कर सकते हैं । हमें खुद पे और अपनी काबलियत पर भरोसा करते हुए हिम्मत के साथ आगे ही आगे बढ़ना चाहिए । येही मैं आप सबके सामने विनम्रतापूर्बक मेरे वैबसाइट के जरिये साबित करना चाहता हूँ । समय लगेगा, धैर्य चाहिए, परिश्रम जरूरी तथा लगन की कमी होना नहीं चाहिए । इस सबके लिए मैं तैयार हूँ । लेकिन – मेरा मानना है की ऊपरवाले का आशीर्वाद तथा खुद का परिश्रम ही कामयाबी ले आता है । अब ऊपरवाले का आशीर्वाद भरपूर चाहिए, इस लिए आज आशीर्वाद मांगते हुए दो लघु कविताएं……

आशीर्वाद – 1
बहुत कुछ कर डालूँगा – उखाड़ दूंगा – फाड़ दूंगा – कमाल करूंगा
कह देने से कुछ होता नहीं ।
ऊपरवाले की आशीर्वाद हो तो
कोई भी काम रुकता नहीं ।

Aashirwad – 1
Bahut kuchh kar dalunga – ukhad dunga – phad dunga – kamal karunga
Kah dene se kuchh hota nahin.
Uparwale ki aashirwad ho toh
Koi bhi kaam rukta nahin.

आशीर्वाद – 2
हे प्रभु… आशीर्वाद दो मुझे
अंतिम दम तक लिखता जाऊँ ।
लोगों को ज़िंदगी जीने का नया जोश
तथा – कामयाबी का नया रास्ता – दिखाता जाऊँ ।

Aashirwad – 2
He Prabhu….. Aashirwad do mujhe
Antim dam tak likhta jaun.
Logon ko zindagi jeene ka naya josh
Tatha – kamyabi ka naya rasta – dikhata jaun.

पोस्टेड बाई…..
रतिकान्त सिंह ।

Posted by….
Ratikanta Singh.

2 thoughts on “आशीर्वाद

  1. SIR, YOU HAVE ALREADY BEEN BLESSED BY GOD BECAUSE HE HAS GIFTED YOU WITH ALL QUALITIES OF WRITER, A POET ,A SINGER AND MOREOVER A MOTIVATOR WHO CAN MOTIVATE ANYBODY UNDER ANY CIRCUMSTANCES.

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